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CIC Full Form in Hindi - सीआईसी अथवा केंद्रीय सूचना आयोग क्या है
CIC Full Form - नमस्कार दोस्तो स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग Hindimebest पर । पिछले पोस्ट में हमने आपको Rajssp के बारे में बताया था। अब इस पोस्ट में हम आपको CIC Full Form अथवा केंद्रीय सूचना आयोग क्या है ? इसके बारे में पूरी जानकारी देने वाले है।
CIC Full Form in Hindi - सीआईसी अथवा केंद्रीय सूचना आयोग क्या है |
दोस्तो जब किसी नागरिक को किसी भी प्रकार की जानकारी चाहिए होती है तो वो उस जानकारी को हासिल करने के लिए CIC के पास जाता है। इसके अलावा अगर किसी नागरिक को मंत्रालय की सूचना से असंतुष्ट होता है तो वह CIC कार्यालय में जाकर अधिक जानकारी प्राप्त कर सकता है। इससे उससे जानकरी भी मिल जाएगी और किसी कार्यालय में भी जाना नही पड़ेगा।
तो चलिए दोस्तो अब हम आपको विस्तार से बताएंगे कि CIC का फुल फॉर्म क्या होता हैं, केंद्रीय सूचना आयोग क्या है ? चलिए शुरू करते है....
इस पोस्ट में आप क्या पढ़ेंगे ?
सीआईसी (CIC) का फुल फॉर्म क्या होता हैं ?
सीआईसी (CIC) का फुल फॉर्म होता है :- 'Central Information Commission' जिसका उच्चारण है :- 'सेंट्रल इनफार्मेशन कमीशन' और इसका हिंदी में अर्थ है :- 'केंद्रीय सूचना आयोग' । इसका मुख्य उद्देश्य होता है जरूरतमंद लोगों को सही जानकारी प्रदान करना। CIC लोगों को सरकार की तरफ से दी जाने वाली योजनाओं के बारे में भी जानकारी प्रदान करता है।
सीआईसी अथवा केंद्रीय सूचना आयोग क्या है ?
CIC का पूरा नाम केन्द्रीय सूचना आयोग है। इससे 15 जून 2005 को भारत के राष्ट्रपति के द्वारा स्वीकृति दी गयी थी। सूचना अधिकार अधिनियम 2005, के तहत इसे 12 अक्टूबर 2005 पूरे भारत मे गठित किया गया था। और इस आयोग की सभी अधिकारिकता ( Empowerment ) सेन्ट्रल पब्लिक ऑथोरिटीज को सौंपी गई है।
इसके अंतर्गत एक Chief Information Commissioner नियुक्त किया जाता है। जिसके माध्यम से जितने प्रकार के भारत सरकार के द्वारा कार्य किए जा रहे है उनकी आपको जानकारी दी जाएगी। मतलब की भारत सरकार के अधीन जितने भी Department है उनसे आप किसी भी प्रकार की information ले रहे हो और आप उनसे सतुष्ट नही है तो इसके माध्यम से आप वो जानकारी प्राप्त कर सकते हो। इनका सूचना अधिकार अधिनियम में धारा 18, 19, 20 और 25 में अनुच्छेद किया गया है।
इस आयोग के नियम बहुत ही कठोर और अंतिम होते है। मतलब की ये नियम दोबारा नही बदल सकते है।
इस आयोग के नियम बहुत ही कठोर और अंतिम होते है। मतलब की ये नियम दोबारा नही बदल सकते है।
केंद्रीय सूचना आयोग का गठन
सूचना अधिकार अधिनियम , 2005 के अनुसार इसके अध्याय 3 में केंद्रीय सूचना आयोग का गठन हुआ था। इस कानून के धारा 12 में केंद्रीय सूचना आयोग का गठन के बारे में दिया है, धारा 13 में इस आयोग के सूचना आयुक्त की पदावधि और सेवा शर्तों के बारे में दिया गया है और धारा 14 में सूचना आयुक्तों को पद से हटाने के बारे में प्रावधान दिए गए है।
केंद्रीय सूचना आयोग में एक मुख्य सूचना आयुक्त होता है और अधिकतम 10 केंद्रीय सूचना आयुक्तों का प्रावधान किया जाता है जिनकी नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है। इनकी नियुक्ति में प्रधानमंत्री अध्यक्ष्ता में बनी समिति की सिफारिश भी जरूरी है। जिसमे की लोकसभा के विपक्ष नेता और प्रधानमंत्री द्वारा कैबिनेट मंत्री भी शामिल होते है।
केंद्रीय सूचना आयोग में एक मुख्य सूचना आयुक्त होता है और अधिकतम 10 केंद्रीय सूचना आयुक्तों का प्रावधान किया जाता है जिनकी नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है। इनकी नियुक्ति में प्रधानमंत्री अध्यक्ष्ता में बनी समिति की सिफारिश भी जरूरी है। जिसमे की लोकसभा के विपक्ष नेता और प्रधानमंत्री द्वारा कैबिनेट मंत्री भी शामिल होते है।
सीआईसी ( CIC ) की सरंचना
अभी 2020 में देश के केंद्रीय सूचना आयोग के मुख्य सूचना आयुक्त ( Chief Information Commissioner ) बिमल जुल्का ( Bimal Julka ) है । जो 20 february 2020 को मुख्य सूचना आयुक्त के पद पर आसीन हुए है। इसके अलावा साथ ही इस आयोग में 5 सूचना आयुक्तों की नियुक्ति भी की गई है। बिमल जुल्का के पद पर आसीन होने के बाद भी अतिरिक्त 5 सूचना आयुक्त के स्थान खाली रह गए है। इस आयोग में अधिकतम 11 सदस्य होते है जबकि अभी 2020 में 6 स्थान भर गए है और 5 खाली रह गए है। खाली रह गए स्थानों के लिए केन्द्र सरकार विज्ञापन कर चुकी है।
मुख्य सूचना आयुक्त की नियुक्ति किसके द्वारा की जाती है ?
मुख्य सूचना आयुक्त और अन्य सूचना आयुक्तों की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाती है। और जैसा कि मैने आपको बताया है कि इसमें प्रधानमंत्री अध्यक्षता की समिति के द्वारा भी नियुक्ति की जाती है। जिसमे की लोकसभा के विपक्ष नेता और कैबिनेट मंत्री भी शामिल किए जाते है। अगर कोई सूचना आयुक्त अपने पद का गलत इस्तेमाल करता है तो राष्ट्रपति उसे पद से निकाल भी सकता है। लेकिन पहले इसकी प्रक्रिया Court में चलती है। साबित होने पर उसे पद से निष्काषित किया जाता है।
सीआईसी ( CIC ) कार्यकाल और सेवा
जो भी व्यक्ति मुख्य सूचना आयुक्त और सूचना आयुक्त के पद पर आसीन होता है उसका कार्यकाल 5 वर्ष का होता है। इसके अलावा अगर व्यक्ति 65 वर्ष की आयु कार्यकाल पूरा होने से पहले ही कर लेता है तो उसके लिए त्याग पत्र देने का प्रावधान भी दिया गया है। और इसके बाद उस व्यक्ति को दोबारा उस पद पर नियुक्त नही किया जाता है।
भारत के मुख्य सूचना आयुक्तों की सूची
क्रम संख्या | नाम | कार्यालय लिया | कार्यालय छोड़ा |
1. | Wajahat Habibullah | 26 अक्टूबर 2005 | 19 सितंबर 2010 |
2. | A.N Tiwari | 30 सितम्बर 2010 | 18 दिसंबर 2010 |
3. | Satyananda Mishra | 19 दिसंबर 2010 | 4 सितंबर 2013 |
4. | Deepak Sandhu | 5 सितम्बर 2013 | 18 दिसंबर 2013 |
5. | Sushma Singh | 19 दिसंबर 2013 | 21 मई 2014 |
6. | Rajiv Mathur | 22 मई 2014 | 22 अगस्त 2014 |
7. | Vijai Sharma | 10 जून 2015 | 1 दिसंबर 2015 |
8. | Radha Krishna Mathur | 4 जनवरी 2016 | 24 नवंबर 2018 |
9. | Sudhir Bhargava | 1 जनवरी 2019 | 11 जनवरी 2020 |
10. | Bimal Julka | 20 फरबरी 2020 | अभी तक |
Conclusion। निष्कर्ष
तो दोस्तों आज इस पोस्ट के माध्यम से मैने आपको CIC के बारे में बिल्कुल विषतार से बताया है। मुझे आशा है कि अब आपके मन मे कोई डाउट नही रह होगा। अगर अभी भी है तो आप हमें comment के माध्यम से बता सकते है।
और अगर पोस्ट अच्छा लगा हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर share करें।
धन्यवाद...!!!!
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